फादर्स डे स्पेशल : मुझे मोहब्बत है अपने हाथों की सब लकीरों से, ना जाने पापा ने कौन सी उंगली को पकड़कर चलना सिखाया था

मुझे मोहब्बत है अपने हाथों की सब लकीरों से,

ना जाने पापा ने कौन सी उंगली को पकड़कर चलना सिखाया था

मत करना नजर अंदाज मां बाप की तकलीफों को,
जब यह बिछड़ जाते हैं तो रेशम के तकिये पर भी नींद नहीं आती।

याद रखना मां बाप उम्र से नहीं,
फिक्र से बूढ़े होते हैं कड़वा है मगर सच है।


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