नाकामयाब मोहब्बत ही सच्ची होती है, कामयाब होने के बाद मोहब्बत नहीं बचती
नाकामयाब मोहब्बत ही सच्ची होती है,
कामयाब होने के बाद मोहब्बत नहीं बचती।
ताले लगा दिये दिल को अब उसका अरमान नहीं,
मैं तो आईना हूं टूटना मेरी फितरत है,
इसलिये पत्थरों से मुझे कोई गिला नहीं।
क्या पता था कि मोहब्बत ही हो जायेगी,
हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था।
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनों पर भी शक करना।
मेरी फितरत में तो था गैरों पर भरोसा करना।
कैसे करूं भरोसा गैरों के प्यार पर,
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